डायरी सखि,
यूं तो इस देश में अनेक धाम हैं जैसे उत्तराखंड में चार धाम , दक्षिण में रामेश्वर धाम , पूर्व में जगन्नाथ पुरी धाम , पश्चिम में द्वारिका धाम । इनके अलावा भी देश के कोने कोने में अनेक धाम हैं जहां पर लोग तीर्थाटन के लिए जाते हैं और पुण्य प्राप्त करते हैं ।
मगर हाल के दिनों में देश के नक्शे पर एक नया धाम उभर कर सामने आया है । इस धाम का नाम है गौहाटी धाम । बड़ा प्यारा , बहुत रमणीक स्थान है यह । कहते हैं कि गौहाटी धाम सीधे नहीं जाना चाहिए क्योंकि सीधे गौहाटी धाम जाने से वो पुण्य प्राप्त नहीं होता है जो होना चाहिए । इसलिए गौहाटी धाम की यात्रा वाया सूरत की जाती है ।
पिछले दिनों आप सबने देखा होगा कि किस तरह महाराष्ट्र से कुछ "तीर्थ यात्री" पुण्य कमाने को "तीर्थाटन" के लिए निकले । आजकल देश में कुछ जगह "गला काट अभियान" भी चल रहा है । लोग कहते हैं कि जहां जहां तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकारें हैं वहां वहां पर इस अभियान की "स्पेशल स्कीम" निकाली गई हैं । और तो और "कुशासन बाबू" के सूबे में तो "25 वर्षीय कार्य योजना" तैयार की जा रही थी और सन 2047 तक पूरे तख्तापलट की तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा था । ऐसे में इधर उधर की यात्रा करना बड़ा जोखिम भरा काम था । गौहाटी धाम में वीर शिवाजी का एक वीर सिपाही "तीर्थयात्रियों" की सुरक्षा में तैनात था । बस इसी आश्रय से ये तीर्थ यात्री गौहाटी चले गये ।
वहां जाकर इन तीर्थ यात्रियों ने जो "पूजा अर्चना" की और "कठिन तप" किया , उसका पुण्य लाभ तुरंत प्राप्त हो गया । सबकी चहेती सत्ता सुंदरी अपने "पति" को छोड़कर इनके साथ चल दी । आज ये सभी तीर्थ यात्री सत्ता सुंदरी के साथ आनंद मना रहे हैं । लोगों को विश्वास नहीं है रहा है कि "गौहाटी धाम" का इतना महात्म्य है । अब लोगों ने इस धाम का महत्व समझा है और लोगों में गौहाटी धाम जाने की होड़ सी मची हुई है ।
तो सखि, बहती गंगा में हाथ धोने में कोई बुराई थोड़ी है ? चलो, अपुन भी कुछ पुण्य कमा लें । क्या कहती हो सखि ?
श्री हरि
19.7.22
Seema Priyadarshini sahay
20-Jul-2022 06:54 PM
बहुत खूबसूरत
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shweta soni
20-Jul-2022 07:44 AM
Behtarin rachana 👌
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Milind salve
19-Jul-2022 10:49 AM
बहुत खूब
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